चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) कब है? जानें सही तारीख, पूजन विधि, कलश स्थापना शुभ मुहूर्त, आरती
चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) कब है? जानें सही तारीख, पूजन विधि, कलश स्थापना शुभ मुहूर्त, आरती

चैत्र नवरात्रि 2023 कब है? मान्यता, पूजन विधि, कलश स्थापना, शुभ मुहूर्त एवं आरती

चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) एक पवित्र त्यौहार है जो दुनिया भर के हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है। चैत्र नवरात्रि जिसे वसंत नवरात्रि के रूप में भी जाना जाता है, ‘चैत्र’ के महीने में मनाया जाता है, हिंदू कैलेंडर में पहला महीना जो आम तौर पर अंग्रेजी कैलेंडर में मार्च-अप्रैल के बीच आता है, और इसलिए इसका नाम ‘चैत्र’ रखा गया है। संस्कृत में नवरात्रि का शाब्दिक अर्थ है नौ रातें। इसलिए, यह नौ दिनों तक चलने वाला उत्सव है जो मां दुर्गा के नौ अलग-अलग अवतारों की पूजा के लिए समर्पित है। प्रत्येक दिन एक, ये हैं: दुर्गा, शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री। मां दुर्गा के हर स्वरूप को अलग-अलग प्रसाद चढ़ाया जाता है।

भारतीय राज्य महाराष्ट्र में चैत्र नवरात्रि उत्सव गुड़ी पड़वा के साथ शुरू होता है, जबकि आंध्र प्रदेश और अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों में इसे उगादि के रूप में मनाया जाता है। चैत्र नवरात्रि हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का भी प्रतीक है। उत्तर भारत में लोग इन नौ दिनों के दौरान उपवास करते हैं और नौवें दिन लोग मां दुर्गा की पूजा करते हैं और अनुष्ठान समाप्त करते हैं. इस दौरान रामनवमी भी मनाई जाती है और लोग इसे भव्यता से मनाते हैं।

Chaitra Navratri Date 2023 / चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना शुभ मुहूर्त

इस बार नवरात्रि इस बार बुधवार, 22 मार्च को शुरू हो रही है, जो 30 मार्च तक रहेगी। जो संपूर्ण नौ दिवसीय नवरात्र है। इसमें तिथियों की घटबढ़ नहीं है। इस बार प्रतिपदा तिथि 21 मार्च 2023 रात में 11 बजकर 4 मिनट पर लग जाएगी। इसलिए 22 मार्च को सूर्योदय के साथ नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना के साथ होगी। चैत्र नवरात्रि 2023 कलश स्थापना शुभ मुहूर्त

  • चैत्र घटस्थापना बुधवार, मार्च 22, 2023 को
  • घटस्थापना मुहूर्त – 06:23 सुबह से 07:32 सुबह तक
  • अवधि – 01 घंटा 09 मिनट
  • घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि को आता है
  • घटस्थापना मुहूर्त द्वि-स्वभाव मीणा लग्न के दौरान आता है
  •  प्रतिपदा तिथि प्रारंभ – 21 मार्च 2023 को रात्रि 10:52 बजे
  •  प्रतिपदा तिथि समाप्त – 22 मार्च 2023 को रात्रि 08:20 बजे
  • मीणा लग्न प्रारम्भ – 22 मार्च 2023 को 06:23 पूर्वाह्न
  •  मीणा लग्न समाप्त – 22 मार्च 2023 को 07:32 सुबह
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Chaitra Navratri Date List (चैत्र नवरात्रि तारीख)

  • चैत्र नवरात्रि प्रथम दिन (22 मार्च 2023) – प्रतिपदा तिथि, मां शैलपुत्री पूजा, घटस्थापना
  • चैत्र नवरात्रि दूसरा दिन (23 मार्च 2023) – द्वितीया तिथि, मां ब्रह्मचारिणी पूजा
  •  चैत्र नवरात्रि तीसरा दिन (24 मार्च 2023) – तृतीया तिथि, मां चंद्रघण्टा पूजा
  • चैत्र नवरात्रि चौथा दिन (25 मार्च 2023) – चतुर्थी तिथि, मां कुष्माण्डा पूजा
  • चैत्र नवरात्रि पांचवां दिन (26 मार्च 2023) – पंचमी तिथि, मां स्कंदमाता पूजा
  • चैत्र नवरात्रि छठा दिन (27 मार्च 2023) – षष्ठी तिथि, मां कात्यायनी पूजा
  • चैत्र नवरात्रि सातवां दिन (28 मार्च 2023) – सप्तमी तिथि, मां कालरात्री पूजा
  • चैत्र नवरात्रि आठवां दिन (29 मार्च 2023) – अष्टमी तिथि, मां महागौरी पूजा, महाष्टमी
  • चैत्र नवरात्रि नवां दिन (30 मार्च 2023) – नवमी तिथि, मां सिद्धीदात्री पूजा, दुर्गा महानवमी, राम नवमी

Chaitra Navratri Pujan Vidhi 2023 (चैत्र नवरात्रि पूजन विधि)

कलश स्थापना की विधि शुरू करने से पहले सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करके साफ कपड़े पहनें। उसके बाद एक साफ स्थान पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर माता रानी की प्रतिमा स्थापित करें। इस कपड़े पर थोड़े चावल रखें। एक मिट्टी के पात्र में जौ बो दें. इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें। कलश पर स्वास्तिक बनाकर इस पर कलावा बांधें।

कलश में साबुत सुपारी, सिक्का और अक्षत डालकर अशोक के पत्ते रखें। एक नारियल लें और उस पर चुनरी लपेटकर कलावा से बांधें। इस नारियल को कलश के ऊपर पर रखते हुए देवी दुर्गा का आवाहन करें। इसके बाद दीप आदि जलाकर कलश की पूजा करें। नवरात्रि में देवी की पूजा के लिए सोना, चांदी, तांबा, पीतल या मिट्टी का कलश स्थापित किया जाता है।

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9 Avatars of Maa Durga (मां नवदुर्गा के नौ अवतार)

नवदुर्गा के अनेक नाम हैं जैसे दुर्गा, जगदंबा, अंबे, शेरांवाली आदि। इनके दो पुत्र हैं गणेश और कार्तिकेय। यहां प्रस्तुत है माता के नौ अवतार का वर्णन। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार कैलाश पर्वत के ध्यानी की अर्धांगिनी मां सती पार्वती को ही शैलपुत्री‍, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री आदि नामों से जाना जाता है।

9 Avatars of Maa Durga
चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) – मां नवदुर्गा के नौ अवतार
S. No.मां दुर्गा के अवतारमहत्वपूर्ण लिंक
1.मां शैलपुत्रीयहां पूरी जानकारी प्राप्त करें……..
2.मां ब्रह्मचारिणीयहां पूरी जानकारी प्राप्त करें……..
3.मां चंद्रघंटायहां पूरी जानकारी प्राप्त करें……..
4.मां कूष्मांडायहां पूरी जानकारी प्राप्त करें……..
5.मां स्कंदमातायहां पूरी जानकारी प्राप्त करें……..
6.मां कात्यायनीयहां पूरी जानकारी प्राप्त करें……..
7.मां कालरात्रीयहां पूरी जानकारी प्राप्त करें……..
8.मां महागौरीयहां पूरी जानकारी प्राप्त करें……..
9.मां सिद्धिदात्रीयहां पूरी जानकारी प्राप्त करें……..

Maa Durga Aarti & Mantra Lyrics in Hindi

नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा की उपासना को समर्पित हैं। हर दिन मां के अलग अलग स्वरूपों की पूजा होती है और इसके अंत में मां दुर्गा की महिमा का वर्णन करते हुए आरती गाई जाती है। इस बार चैत्र नवरात्रि 22 मार्च 2023 से प्रारंभ हो रहे हैं।  मां दुर्गा की पूजा- अर्चना करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए मां दुर्गा की आरती जरूर करें। आगे पढ़ें मां दुर्गा की आरती-

Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। GS Special इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।